जिस प्रकार एक बीज को वृक्ष बनने के लिए अनुकूल वातावरण की जरुरत होती है, उसी प्रकार इस चक्र की शक्तियों को जागृत होने के लिए आपकी तीव्र इच्छा, आनन्द और निर्विचार होने का वातावरण चाहिए।
ये एक ऐसा शब्द हैं जो इतना बड़ा समाधान कर देता हैं जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। हर एक व्यक्ति ये सोचता हैं की हमने क्षमा कर दिया हक़ीक़त में क्षमा हुआ की नहीं हुआ
विश्व में जितने भी धर्म हैं और अवतरण हुए सभी ने कहा सबसे प्रेम करें, गुस्सा ना करें, शांत रहें परन्तु फिर भी हम उसे अपना नहीं पा रहे हैं। हम इस विषय में ज़्यादा नहीं बताएंगे क्योंकि जब आप इतने आदरणीय और पूजनीय ऋषि-मुनियों और अवतरणों की बात नहीं मान पा रहे हैं तो हमारा समझाना व्यार्थ हैं। हम आपको केवल इसका प्रभाव या नुकसान क्या-क्या होते हैं ये बताने का प्रयास करेंगे क्योंकि कोई भी व्यक्ति अपना नुकसान नहीं चाहता। दोस्तो ये नुकसान इतना बड़ा है कि जब आप जान जाएंगे तो आप स्वतः ही बदलने लगेगे। हमारी कई डॉक्टर्स और हेल्थ एक्सपर्ट्स से सलाह होती रहती हैं जिनसे बहुत ही अद्भुत जानकारी प्राप्त होती रहती हैं।
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